मैट्रो का निर्माण हुआ है
देखें कितना सुधार हुआ है
बसों की भीड़ न हो पाई कम
देखों चिल्लम-चिल्ली हरदम।
मैट्रो में भी भीड़ है भारी
मचा रही कितना हड़कंप
उतरने वाले उतर न पाएं
चढ़ने वाले बल आजमाएं
किसी की देखो बटन टूट गई
बैग किसी से खींचा न जाए
चश्मा टूटा, घड़ी उतर गई
भीड़ है कितनी, समझ न आए।
भीड़ में देखो जेब कट गई
बटुआ खोया वो चिल्लाए
घुम-घुमकर शोर मचाए
जाने किसने लिया चुराए
मिलेगा कैसे कौन बताए
भीड़ बहुत है भारी-भरकम
सबकी नीयत कौन बताए
रोने से अब कुछ न मिलेगा
अपने मन को लो समझाए
चोर तो अब न पकड़ा जाए
ध्यान रखो खुद अपना भाई
ये तो है मेहनत की कमाई।
मैट्रो में जो भी है चढ़ता
अपनी तरह उनको समझो तुम
नारी का भी सम्मान करो तुम
ना बल पर अभिमान करो तुम
बड़े-बुजुर्गों का ध्यान
रखो तुम
दो-दो मिनट पर मैट्रो है आती
मंजिल तक सबको पहुंचाती
धीरज तुम अपना क्यों खोते
कष्ट किसी को क्यों हो
देते।
थोड़ा सा संयम बरतो तुम
सफर सरल अपना कर लो तुम।
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