परिवर्तनशीलता प्रकृति का शास्‍वत नियम है, क्रिया की प्रक्रिया में मानव जीवन का चिरंतन इतिहास अभिव्‍यंजित है।

शनिवार, 10 सितंबर 2016

कर्म का चक्‍कर


जो होना है वो होता है
फिर तू क्‍यों बंदे रोता है
इस बात से ये न समझ लेना
जो तू कर्म करे वो धोखा है
जब तक है प्राण तेरे तन में
तुझको तो कर्म ही करना है
वो अच्‍छा हुआ या हुआ बुरा
तुझको तो उसमें ही ढलना है
अच्‍छे दिन जो तेरे आएं
कुछ अच्‍छे कर्म तेरे होंगे
जब बुरे दिन तेरे आएं
वो बुरे कर्म तेरे होंगे
गर, दोनों मिलकर साथ चलें
तो कर्म पिछले जनम के होंगे
ऐसे ही सुख-दुख अपनाए जा
जीवन ऐसे ही बिताए जा
जो होना है वो होता है
फिर तू क्‍यों बंदे रोता है।

इस कर्म के चक्‍कर में बंदे
तू मेहनत से न घबराना
ये भी तो तेरा कर्म ही है
मेहनत करना और फल पाना
जीवन की दुख तकलीफों को
जो तू हंसकर पार लगाएगा
ये कर्म तेरा सबसे उज्‍ज्‍वल
तेरी कश्‍ती को पार लगाएगा
जीवन की इस रणभूमि में
तू एक सफल योद्धा कहलाएगा।
जो होना है वो होता है
फिर तू क्‍यों बंदे रोता है।

© सर्वाधिकार सुरक्षित। लेखक की उचित अनुमति के बिना, आप इस रचना का उपयोग नहीं कर सकते।

1 टिप्पणी:

  1. The bets which were introduced ought to be thought of as instruments in your betting technique at the roulette table. You must understand that would not matter what} bet 파라오 카지노 you make, the on line casino has an edge of their favor. There are people who generate income promoting directions on the way to|tips on how to} win at roulette.

    जवाब देंहटाएं