कितना अनमोल है यह पल
जो खेल रहे हैं मिलकर
एकांत में बैठकर खेल
मैं और मेरा गम।
आज महसूस हुआ मुझे
कि कितना अपना है यह पल
और यह गम
कभी सोचा भी नहीं था कि
इस तरह अकेला छोड़कर मुझे
मुट्ठी में बँधी रेत की तरह
खिसक जाएगी मेरी दुनिया,
अब तो सिर्फ रह गया
मेरा दोस्त गम।
कितना वफादार है
कि साथ नहीं छोड़ता पल भर
भी
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